प्यार शायरी
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ।
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ।
प्यार शायरी
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ।
गम ने हसने न दिया
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया! इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! थक के जब सितारों से पनाह ली! नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
प्यार शायरी
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ।
गम ने हसने न दिया
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया! इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! थक के जब सितारों से पनाह ली! नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
मैंने अपनी हर एक
मैंने अपनी हर एक सांस तुम्हारी गुलाम कर रखी हैं .. लोगो मैं ये ज़िन्दगी बदनाम कर रखी हैं .. अब ये आइना भी क्या काम का मेरे … मैंने तौ अपनी परछाई भी तुम्हारे नाम कर रखी हैं ….
तेरी आवाज़ की शहनाइयों
तेरी आवाज़ की शहनाइयों से प्यार करते हैं….. तस्सवुर मैं तेरे तन्हाईओं से प्यार करते हैं ….. जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़े ज़माने वाले … अब हम उन चर्चों से अब प्यार करते हैं …
अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है
अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका, दिलों के दरमियां यूँ मुफ्त में नहीं रहती, साल दर साल मै ही उम्र न देता इसको, तो ज़माने में मोहब्बत जवां नहीं रहती…
ज़िन्दगी हसीन है
ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो ….. हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो ….. वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार हैं आपको…. बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो ….
किसी के दिल में बसना
किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नही; किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नही; गुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्या; यह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही!
कोई शायर तो कोई फकीर बन जाये
कोई शायर तो कोई फकीर बन जाये; आपको जो देखे वो खुद तस्वीर बन जाये; ना फूलों की ज़रूरत ना कलियों की; जहाँ आप पैर रख दो वहीं कश्मीर बन जाये।